Moral story in Hindi. Children Story in Hindi. बच्चो की कहानियां।
शिक्षाप्रद कहानी- सोने के सिक्कों के सात घड़े।
बहुत पुरानी बात है। उत्तरी भारत में हिमाचल की पहाड़ी में बने एक गांव में एक व्यापारी रहता था। व्यापारी की पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी। पहाड़ी पर स्थित अपने घर से वह अकेला मैदान की ओर नीचे शहर में जाता था और चीजों की खरीद-फरोख्त करता था। एक दिन वह घर से व्यापार करने निकला। बीच में उसे थकावट होने लगी। कड़ी दोपहरी में उसे नींद आने लगी। उसने सुस्ताने के लिए कोई जगह ढूंढनी चाही। उसे एक छोटी-सी गुफा मिल गयी। वह भीतर जाकर सो गया। जागने पर उसने पाया कि उस गुफा में कुछ था।
उसने टटोला तो पाया, वहां सात घड़े रखे थे। पहले उसे थोड़ा डर लगा। डरते-डरते उसने एक घड़े का ढक्कन खोला। घड़े में सोने के सिक्के भरे हुए थे। एक-एक करके उसने पांच घड़े खोलकर देखे। सभी में सोने के सिक्के थे।
छठे घड़े में उसे एक पुराना कागज का टुकड़ा भी मिला, जिस पर लिखा था- जो भी इन सिक्कों को लेगा वह सावधान हो जाए! ये सभी घड़े तुम्हारें हैं, लेकिन इन पर एक शाप है। इनको ले जाने वाला उस शाप से कभी मुक्त नहीं हो पायेगा!
उत्सुकता में बड़ी शक्ति है, पर लालच उससे भी बलवान है।
व्यापारी में इतने सोने के सिक्के देख कर लालच आ गया। उसमे कागज में लिखी गई चेतावनी पर भी ध्यान नहीं दिया।
व्यापारी सभी घड़ों को किसी तरह अपने घर ले गया। फिर उसने सोचा कि सारे सिक्कों की गिनती कर ली जाए। एक-एक करके उसने छह घड़ों में मौजूद सिक्कों की गिनती कर ली। सातवें घड़े को खोलने पर उसने पाया कि वह आधा ही भरा हुआ था। व्यापारी बहुत दुखी हो गया। शाप की बात कहने वाले कागज को वह बेकार समझकर फेंक चुका था। उसे वह बात याद भी नहीं थी। व्यापारी के मन में अब और अधिक लालच आ गया था। उसने सोचा कि कैसे भी करके सातवें घड़े को पूरा भरना है। उसने और अधिक धन कमाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। लेकिन सातवें घड़े में जितना भी धन डालो, वह हमेशा आधा खाली रहता था। व्यापारी कुछ साल और जिंदा रहा, लेकिन अपने धन का उसे कुछ भी आनंद नहीं मिला, क्योंकि वह उसके लिए कभी भी पर्याप्त नहीं था। उसमे अपना सारा जीवन बस सातवे घड़े को भरने में ही लगा दिया। फिर भी वह सातवा घड़ा कभी नही भरा। वह कभी भी उन सिक्कों का उपयोग नही कर पाया।
शिक्षा – लालच बुरी बला है।