Akbar Birbal story in Hindi. अकबर बीरबल की कहानी – कुएं का पानी

Akbar Birbal story in Hindi

अकबर बीरबल की कहानी – कुएं का पानी

एक किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए बहुत परेशान था, क्योंकि उसे पानी की आवश्यकता थी। कई दिनों से वह आसपास कुएं की खोज कर रहा था। तलाश के दौरान अचानक उसे एक कुआं दिखाई दिया, जो उसके खेतों के पास ही था। यह देखकर वह खुश हो गया और सोचने लगा कि अब उसकी समस्या खत्म हो जाएगी। इसी संतोष के साथ वह घर लौट आया।

अगले दिन किसान पानी लेने उस कुएं पर पहुंचा। जैसे ही उसने वहां रखी बाल्टी कुएं में डाली, तभी एक व्यक्ति आया और बोला कि यह कुआं उसका है, और किसान बिना खरीदे इसका पानी नहीं ले सकता। पानी की जरूरत से मजबूर किसान ने सोचा कि अगर यह कुआं उसके पास होगा, तो उसे आगे कभी कठिनाई नहीं होगी। इस पर दोनों के बीच कीमत तय हुई। किसान के पास धन नहीं था, लेकिन अवसर खोना वह नहीं चाहता था। इसलिए उसने वादा किया कि अगले दिन रकम देगा और घर चला गया।

Akbar Birbal story in Hindi

घर पहुंचकर किसान ने अपने मित्रों और रिश्तेदारों से मदद मांगी और पैसे का इंतजाम करने में जुट गया। मेहनत के बाद उसने वह रकम जुटा ही ली। अब वह पूरी तरह निश्चिंत था कि कुआं उसका होगा। बेसब्री में उसने रात भी ठीक से नहीं सोई और जैसे ही सुबह हुई, वह आदमी के घर पहुंचा। पैसे देकर उसने कुआं खरीद लिया और कुएं से पानी निकालने की तैयारी करने लगा।

लेकिन तभी वह आदमी फिर आ गया और बोला कि तुम कुएं से पानी नहीं निकाल सकते क्योंकि मैंने तुम्हें कुआं तो बेचा है, पर पानी नहीं। यह सुनकर किसान निराश हो गया और न्याय पाने के लिए सीधे राजा अकबर के दरबार पहुंचा। अकबर ने उसकी पूरी कहानी सुनी और उस व्यक्ति को भी बुलवाया। जब वह दरबार में हाजिर हुआ, तो अकबर ने उससे पूछा कि जब कुआं बेच दिया है, तो फिर पानी क्यों रोक रहे हो? उस व्यक्ति ने कहा, “महाराज, मैंने केवल कुआं दिया है, पानी नहीं।” यह उत्तर सुनकर अकबर भी उलझ गए और समाधान के लिए बीरबल को बुलाया।

बीरबल ने मामले की पूरी जानकारी ली और उस व्यक्ति से कहा, “ठीक है, मान लिया कि तुमने पानी नहीं बेचा। लेकिन तुम्हारा पानी किसान के कुएं में क्यों है? कुआं किसान का है, इसलिए तुरंत अपना पानी वहां से बाहर निकालो।” बीरबल की बात सुनते ही उस आदमी की चालाकी बेकार हो गई और उसने अपनी गलती मान ली। उसने स्वीकार किया कि कुएं के साथ पानी भी किसान का अधिकार है।

राजा अकबर ने बीरबल की सूझबूझ की सराहना की और उस आदमी पर धोखाधड़ी के कारण जुर्माना लगाया।

सीख: हमें खुद को दूसरों से ज्यादा चालाक नहीं समझना चाहिए और न ही किसी को धोखा देना चाहिए। क्योंकि धोखे का पर्दाफाश एक न एक दिन हो ही जाता है और अंत में नुकसान उसी का होता है जो छल करता है।

तेनालीरामा की कहानियां

Leave a Comment