पढ़ने की आदत का बच्चो के जीवन में प्रभाव। Impact of Reading Habit on Child’s Life.

पढ़ने की आदत का बच्चो के जीवन में प्रभाव।  जानिए कैसे बचपन से पढ़ने की आदत आपके शैक्षणिक जीवन और कैरियर पर क्या प्रभाव डालती है? Know how the Habit of Reading from childhood impact student’s academic life and career.

बचपन में जब हम स्कूल जाते हैं तो सबसे पहले हमको पढ़ना सिखाया जाता है । पढ़ना एक ऐसी आदत है जो जीवन में सबसे पहले विकसित होती है। जीवन में किसी भी क्षेत्र में विकसित होने के लिए पढ़ना आवश्यक है। शैक्षणिक सफलता के लिए पढ़ना एक आवश्यक skill है। जो बच्चे शुरू से पढ़ने के प्रति लगाव रखते हैं और पढ़ाई को अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाए है ,उनके शैक्षणिक (academic) रूप से अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना ज्यादा होती है। पढ़ने से एकाग्रता, याददाश्त में वृद्धि होती है साथ ही पढ़ने से समस्या-समाधान क्षमताओं Problem solving ability )में वृद्धि होती है जो कि academic success के लिए आवश्यक है।

जो बच्चे नियमित और व्यापक रूप से पढ़ते हैं, उनका किसी भी चीज को समझने कि क्षमता अधिक होती है । उसमे किसी भी भाषा को समझने का कौशल बेहतर विकसित होता है।

एक अध्ययन के अनुसार , को बच्चे बचपन से पढ़ने में रुचि रखते हैं उनकी पढ़ने की समझ, vocabulary और जनरल नॉलेज के परीक्षण में अच्छा प्रदर्शन करते है।
जो बच्चे पढ़ने में रुचि रखते हैं उनकी विश्लेषणात्मक कौशल (analytic skill) में भी काफी सुधार होता है।
जैसे – जो बच्चे शुरू से कोई रहस्यमय उपन्यास इत्यादि पढ़ते है उनकी किसी समस्या को सॉल्व करने की क्षमता (problem-solving abilities) में विकास होता है ।

आज कल डिजिटल युग में स्मार्ट फोन, सोशल मीडिया ,रील्स, ऑनलाइन गेम्स अत्यादी ने बच्चो का ध्यान पढ़ने से हटाया है । बच्चो को आज के डिजिटल वातावरण में पढ़ने की आदत विकसित करना एक बड़ी चुनौती है ।
अधिकाश बच्चे अपना खाली समय स्मार्टफोन, टैबलेट ,सोशल मीडिया, ऑनलाइन गेम्स, watching reels इत्यादि में बीता रहे हैं ।

अनुकूल वातावरण की आवश्यकता (Need a Favourable Environment )

बच्चों में पढ़ने की क्षमता विकसित करने के लिए उनको एक अनुकूल वातावरण बनाने की आवश्यकता है । इसके लिए उनके माता-पिता ,शिक्षक इत्यादि को एक अनुकूल वातावरण बनाना होगा जिससे कि बच्चे पढ़ने के प्रति ध्यान आकर्षित करें। यह बच्चो के इंटरेस्ट और प्रिफरेंस के हिसाब से उनको पुस्तकों, समाचार पत्रों और पत्रिकाओं सहित विभिन्न प्रकार की पठन सामग्री उपलब्ध करवाकर किया जा सकता है आप उनको ऐसी पठन सामग्री उपलब्ध करवाए जिसमे बच्चे रुचि रखते हो।

बच्चों के पढ़ने की आदत बनाए रखने के लिए उनके स्कूल की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है

स्कूल को चाहिए कि बच्चों को वह लाइब्रेरी से जोड़े । लाइब्रेरी में तरह तरह की पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाए जिससे बच्चे पढ़ने में रुचि रखें ।लाइब्रेरी में अलग-अलग तरह की किताबें होनी चाहिए ताकि अनेक पुस्तकों तक बच्चों की पहुंच बन सके इससे बच्चों के पढ़ने की हैबिट विकसित होती है । इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों को उनके शहर में स्थित पुस्तकालय तक भी लेकर जाना चाहिए ताकि बच्चे विभिन्न तरह पुस्तको एक पहुच सके और उनकी पुस्तकों को पढ़ने में रुचि पैदा हो।

पढ़ने की आदत और शैक्षणिक सफलता (ACADEMIC SUCCESS) के बीच संबंध:

जिन बच्चों को शुरू से पढ़ने को आदत होती है उन बच्चो कि
Learning skill, भाषा का ज्ञान, critical thinking आदि का विकास ठीक से होता है । जो बच्चे बार-बार पढ़ते हैं उनमें अधिक व्यापक शब्दावली (Vocabulary)विकसित होती है, जो उन्हें अधिक प्रभावी ढंग से समझने(understand) और संवाद(communication )करने में सक्षम बनाती है।
Strong Reading Skills बच्चो कि शैक्षणिक यात्रा (academic journey) और उनके कैरियर के आगे बढ़ने के लिए बहुत जरूरी है ।

शैक्षणिक प्रदर्शन (academic performance) के अलावा भी जीवन में पढ़ने के बहुत लाभ है। पढ़ने से बच्चे क्रिएटिविटी डेवलप करना सीखते हैं। इसके अलावा पढ़ना आनंद, मनोरंजन और विश्राम के स्रोत के रूप में भी काम के सकता है जिससे तनाव कम करने में भी मदद मिलती है और यह mental हेल्थ के लिए भी आवश्यक है।
जब बच्चे पढ़ते है तो वह विभिन्न दृष्टिकोणों और विचारों से अवगत होते है जिससे उनकी सोचने कि क्षमता , किसी समस्या को सुलझाने का कौशल और अपनी राय विकसित करने सुधार होता है।

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