छोटी हिंदी इमोशनल कहानिया । Short Emotional Stories in Hindi.
इमोशनल हिंदी कहानी – अपनी अपनी विश
ट्रेन में बहुत भीड़ थी। ट्रेन तेज गति में चली जा रही थी। एक बच्चा अपनी मां की गोद में दो सीटों के बीच सिकुड़कर बैठा था। कपड़े थोड़े फटे हुए थे, देखने के कुछ दिनों से बिना नहाए भी लग रहा था। आते जाते यात्रियों को देखे जा रहा था। ट्रेन में रह-रह कर मूंगफली और अन्य चीजें बेचने वाले आते। वह हसरत भरी नजरों से कभी उन चीजों को, तो कभी अपनी मां को ताकता। उसकी आंखों में उन सभी चीजे लेनी की इच्छा साफ दिखाई दे रही थी। वह मासूम सी आंखों से अपनी मां को देखता। मां अपनी मजबूरी जान, उससे नजरें मिलाने से कतराती।
उनके ठीक सामने, उसी की उम्र के बराबर एक और बच्चा बैठा था अपने परिवार के साथ। दिखने में वे सम्पन्न घर के जान पड़ते थे। बच्चा थोड़ा चंचल था। वे सभी लोग आपस में हंस-बोल रहे थे। उसके हाथ में चिप्स का पैकेट था। वो स्वाद ले लेकर अपनी ही मस्ती में चिप्स को खा रहा था। नीचे बैठा बच्चा उसको देख रहा था। उस दूसरे बच्चे चिप्स खाते देख उससे रहा नही गया। उसमे अपना हाथ चिप्स लेने के लिए बढ़ाया। बच्चो का मन बहुत साफ होता है। अमीर घर के बच्चे ने भी एक चिप्स निकल कर उस बच्चे को दे दिया। दोनो एक दूसरे को देख मुस्कुरा रहे थे। सम्पन्न घर का बच्चा थोड़ी थोड़ी देर में एक एक चिप्स गरीब बच्चे को देता रहा। दोनो ने बिना एक दूसरे से बात किए दोस्ती कर ली थी।
थोड़ी देर बाद सम्पन्न घर का बच्चा अपने पिता से पूछता है ‘पापा नदी कब आएगी?’
‘बस थोड़ी देर में , क्यों?’ पिता ने पूछा।
बच्चे ने जवाब दिया, पापा मुझे नदी से विश मांगनी है। मुझे एक सिक्का देना ।’
‘अच्छा! क्या मांगोगे विश में तुम?’ उसके पिता ने प्यार से पूछा।
बच्चे ने कुछ जवाब नहीं दिया बस मुस्कुराते हुए अपने पिता की तरफ देखने लगा।
“नदी आएगी तब दे दुगा सिक्का” पिता ने भी स्नेह से अपने बच्चे को कहा।
जैसे नदी आने को हुई उसके पिता ने उसे दस रुपए का एक सिक्का निकाल कर दे दिया। बच्चे ने आंखें बंद की और वह कुछ बुदबुदाया हुए विश मांगने लगा। फिर हाथ बाहर कर, उस सिक्के को नदी में उछाल दिया।
नीचे बैठा बच्चा उस सिक्के को हवा में लहराकर गिरते हुए देख रहा था। वह शायद उस सिक्के पाना चाहता था। वह सोचने लगा जिस पैसे से खाने पीने की चीजे आ सकती थी उसको उसने नदी में फेंक दिया। खास मुझे मिल जाता था सिक्का तो में भी चिप्स का नया पैकेट ले लेता।
एक बच्चे की आंखें विश मांगने में बन्द थीं और दूसरे की आंखें खुली।