तेनालीराम की कहानी – खुशबू की कीमत

बच्चों की कहानी. Tenaliram Story in Hindi. Baccho ki kahaniya. 

एक भिखारी सुबह से भूख से परेशान था। भिखारी भूख से परेशान हो कर खाने के लिए दर दर भटक रहा था। भिखारी को किसी ने चंद रोटियां दे दीं, लेकिन साथ में खाने के लिए सब्जी नहीं दी। भिखारी एक सराय में गया और उसने सराय-मालिक से खाने के लिए सब्जी मांगी। सराय-मालिक ने उसे डांटकर भगा दिया। भिखारी नजर बचाकर सराय की रसोई में घुस गया। रसोई में सब्जी पक रही थी। भिकारी भूख से परेशान था। भिखारी ने सब्जी से उठती भाप में अपनी रोटियां इस उम्मीद से लगा दी कि सब्जी की खुशबू से कुछ जायका तो रोटियों में आ ही जाएगा। अचानक सराय-मालिक रसोई में आ गया।उसने भिखारी को ऐसा करता देख लिया। उसने भिखारी पर सब्जी चुराने का इल्जाम लगा दिया।
भिखारी बोला, ‘मैंने सब्जी नहीं चुराई! मैं तो सिर्फ उसकी खुशबू ले रहा था!’
‘तो फिर तुम खुशबू की कीमत चुकाओ!’ सराय-मालिक ने गुस्से में कहा।
सराय-मालिक उसे घसीट कर राजा कृष्णदेवराय के पास ले गया। राजा ने पंडित तेनालीराम को इस समस्या के समाधान लिए कहा। तेनालीराम ने सराय-मालिक की शिकायत और भिखारी की बात ध्यान से सुनी। तेनालीराम ने सराय मालिक से कहा, ‘तो तुम्हें अपनी सब्जी की खुशबू की कीमत चाहिए? ठीक है मैं खुद तुम्हें तुम्हारी सब्जी की खुशबू की कीमत अदा करूंगा और मैं खुशबू की कीमत सिक्कों की खनक से चुकाऊंगा।’

यह कहकर तेनालीराम ने अपनी जेब से कुछ सिक्के निकाले और उन्हें हथेली में लेकर जोरों से खनकाया और फिर उन्हें वापस अपनी जेब में रख लिया। सराय मालिक को पता चल गया कि यहां उसकी चालाकी नही चलने वाली। सराय मालिक वहां से चला गया। भिखारी को खाना खिलाया गया । भिखारी ने दुआए देकर फिर से किसी रास्ते पर चल गया।

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