आखिर गोल्ड के प्राइस इतने क्यों बढ़ रहे है? क्या इसके पीछे चीन का हाथ है?

Why are gold prices increasing so much?

आज यह बात सबके दिमाग मे आ रही होगी आखिरकार गोल्ड रिकॉर्ड स्तर पर क्यों पहुंच गया है? सोना ऐसा क्या हो गया है कि सोने का दाम इतनी तेजी से बढ़ता जा रहा है ? क्या हर कोई सोने को खरीद रहा है ?
आप सोच रहे होगे अगर डॉलर मजबूत होता है तो जो गोल्ड के प्राइस नीचे जाते हैं लेकिन यहां तो डॉलर भी मजबूत हो रहा है और गोल्ड के प्राइस भी बढ़ रहे है।

गोल्ड एक ऐसी चीज है जिस पर लोगों का भरोसा हमेशा से रहता है। दुनिया में कभी भी कोई भी मंदी आ जाए पर गोल्ड के मूल्य पर इतना प्रभाव नहीं पड़ता। लोगों में बड़ा अंडरस्टैंडिंग हो गई है कि गोल्ड अपनी वैल्यू लूज नहीं करेगा। गोल्ड के दाम ऊपर नीचे थोड़े बहुत चलाते रहेंगे लेकिन अल्टीमेटली उसको जाना ऊपर ही है।

कोई त्यौहार हो, शादी , दिवाली ,धनतेरस के समय अचानक से गोल्ड का जो डिमांड है वह बढ़ जाता है । जब भी किसी भी प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ेगी उसका प्राइस भी बढ़ने लगता है।

गोल्ड का जो प्राइस होता है उसके ऊपर सबसे बड़ा इंपैक्ट किसका होता है ?

हर एक देश में आपको सेंट्रल बैंक देखने को मिलेगा। हर देश अपने पास फॉरेक्स रिजर्व रखता है। फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में सबसे ज्यादा बड़ा जो कंपोनेंट होता है आपने देखा होगा वह होता है फॉरेन करंसी । भारत में भी रिकॉर्ड स्तर पर करीब 6:48 बिलीयन डॉलर फॉरेक्स रिजर्व पहुंच गया है। फॉरेक्स रिजर्व में फॉरेन करंसी के बाद सबसे बड़ा कंपोनेंट गोल्ड है।

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया भी काफी सारा गोल्ड फॉरेक्स रिजर्व के रूप में अपने पास रखती है। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया वर्ल्ड में गोल्ड रखने की लिस्ट में 9 th नंबर पर आता है। 1st नंबर पर अमेरिका आता है।

आरबीआई ने पिछले कुछ सालों में गोल्ड रिजर्व को बढ़ाया है। बहुत से देशों ने पिछले कुछ सालों में गोल्ड रिजर्व को बढ़ाया है। अगर दुनिया भर में सेंट्रल बैंक बहुत सारा गोल्ड इकट्ठा करने लग जाएंगे तो उसकी प्राइस बढ़ेगी और यही हुआ है।

यहां पर आरबीआई ने भी अपना जो बोर्ड रिजर्व है उसको बढ़ाया है। 2017 से लेकर अभी तक अगर आप देखोगे पिछले 5 वर्षों में 248 टन नया गोल्ड एड किया। 2017 में आरबीआई के पास 550 टन के आसपास गोल्ड हुआ करता था लेकिन आज करीब 800 टन के आसपास आपको गोल्ड देखने को मिलेगा, मतलब 40% के आसपास गोल्ड रिजर्व बड़ा है।

हम डॉलर और गोल्ड के रिलेशंस की बात करें तो अगर डॉलर की वैल्यू बढ़ती है तो गोल्ड की वैल्यू कम होती है और अगर डॉलर की वैल्यू नीचे जाती है तो गोल्ड की वैल्यू बढ़ती है।

लेकिन पिछले कुछ समय से क्या हुआ है कि डॉलर भी मजबूत हो रहा है और गोल्ड की वैल्यू भी मजबूत हो रहा है

अभी 10 ग्राम गोल्ड का वैल्यू हो करीब 74800 के आसपास हो गया है।

आखिरकार गोल्ड के प्राइस क्यों बढ़ा ?

रूस–यूक्रेन युद्ध को 2 वर्षों से ऊपर चुका है। रूस–यूक्रेन वार खत्म हो नहीं रहा, कब तक युद्ध खत्म होगा यह अभी तक किसी को पता नही। गोल्ड का मूल्य बढ़ने में इसका भी अहम रोल हैं क्योंकि लोगों को लगता है कि एक तरह से जो वार का सिचुएशन है वह मंदी लेकर आएगा, रिसेशन लेकर आ सकता है जिससे लोग गोल्ड में ज्यादा इन्वेस्ट करें हैं क्योंकि गोल्ड को सब सुरक्षित इन्वेस्ट के रूप में देखते हैं।

अभी आप रिसेंटली देखिए मिडल ईस्ट के अंदर बहुत तेज गतिविधि हो गई है। इजरायल–ईरान युद्ध का भी गोल्ड की प्राइज बढ़ने में अहम रोल है।

अमेरिका के सेंट्रल बैंक (फेडरल रिजर्व) में गोल्ड के प्राइज को कंट्रोल करने के लिए अपनी इंटरेस्ट रेट को पिछले 11 महीने से हाई किया हुआ है , 5.25% से लेकर 5.5% के बीच ताकि इन्फ्लेशन को कंट्रोल किया जा सके । सेंट्रल बैंक यह चाहता था लोग अपना पैसा किसी और एसेट में ना लगाए, उसको सेव करके रख के बैंकों के अंदर क्योंकि बैंक में उनको अच्छा खासा इंटरेस्ट रेट मिल जाएगा।

लेकिन इंटरेस्ट रेट हाई रखने के बावजूद भी जो इन्फ्लेशन का आंकड़ा कम नहीं हुआ। लोग अभी भी गोल्ड में ज्यादा निवेश कर रहे है। सेंट्रल बैंक (फेडरल रिजर्व) की जो पॉलिसी थी अभी तक वह सक्सेस नहीं हो पाई है।

चीन का इसमें क्या रोल है ? क्या इसके पीछे चीन का हाथ है?

गोल्ड के प्राइस बढ़ने में चीन का एक बड़ा हाथ है। चीन की सेंट्रल बैंक गोल्ड रिजर्व को बहुत तेजी से बढ़ा रही है।

चीन ऐसा क्यों कर रहा है ?
2020 के बाद से आपने देखा होगा अमेरिका ने काफी सारे लगातार इल्जाम लगाए हैं चीन के ऊपर चाहे वह ह्यूमन राइट्स के हो, हांगकांग से रिलेटेड, तिब्बत ,ताइवान से रिलेटेड कई कारणों की वजह से अमेरिका लगातार चीन के ऊपर दवाब बना रहा हैं और कई तरह के सैंक्शंस चीन के ऊपर लगा भी चुका है ।

चीन को डर भी है जिस तरह से चीन ने रूस की मदद की है रूस यूक्रेन वार में तो उसकी वजह से अमेरिका ने उसके ऊपर कई तरह के सैंक्शंस लगा सकता है।

रूस–यूक्रेन युद्ध में अमेरिका ने रूस पर इकोमोनिक सेक्शन लगा दिए जिसके कारण अमेरिका ने रूस कर रिजर्व के रूप में रखे डॉलर को फ्रिज कर दिया। रूस अपने रिजर्व के रूप के रखे डॉलर का उपयोग नहीं कर पा रहा हैं। चीन को भी यही चिंता है , यही अमेरिका ने किसी युद्ध कर समय उसके ऊपर इकोनॉमिक सेक्शन लगा दिए और वह अपने रिजर्व में रखे डॉलर का उपयोग नहीं कर पाया तो उसके डॉलर रिजर्व का क्या फायदा। इसलिए चीन अब डॉलर को गोल्ड से रिप्लेस कर रहा है। चीन अपने गोल्ड रिजर्व को बड़ा रहा है। चीन अपने रिजर्व में से डॉलर को हटा रहा है और गोल्ड को बढ़ा रहा है।
चीन के पास 2022 में गोल्ड 1948 टन था और अभी बढ़कर 2250 टन के आस पास हो गया हैं। चीन का ऑफिशियल जो गोल्ड रिजर्व है वह 314 टन बड़ा है। चीन के अंदर गोल्ड रिजर्व लगातार बढ़ता जा रहा है।

ऐसा चीन के साथ कही और देश भी कर रहे है। बहुत ऐसे देश है जो यहां पर डॉलर के ऊपर काफी डिपेंडेंट से पहले वह आप धीरे-धीरे उसके ऊपर डिपेंडेंसी हटा रहे हैं और गोल्ड की तरफ जा रहा है। इसी कारण से गोल्ड से प्राइज लगातार बढ़ रहे हैं।

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