US warns the world that china is sending military satelite intelligence to Russia.
यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका ने पूरी दुनिया को एक वार्निंग दी है कि चीन मिलिट्री इंटेलिजेंस स्पेशल डाटा रूस को प्रोवाइड कर रहा है।
US warns the world over china.
यूक्रेन रूस वार के दौरान चीन रूस को जिओ स्पेशल इंटेलिजेंस डाटा प्रोवाइड करा रहा है। इसका इम्पेक्ट यूक्रेन रूस युद्व में पड़ रहा है। रुस को इससे खाफी हद तक मदद मिल रहा है। रूस को यूक्रेन पर मिलेट्री टारगेट में कोही हद तक मदद मिल रही है।
दुनिया में मिलिट्री पर्सपेक्टिव से सबसे ताकतवर देशो से हैं नंबर वन पर US, नंबर दो पर रूस, नंबर तीन पर चीन, नंबर चार पर इंडिया है।
साल 2020 में US और India डोनाल्ड ट्रंप की प्रेसीडेंसी के अंदर एक हिस्टोरिक एग्रीमेंट साइन करते हैं। और इस एग्रीमेंट का नाम था BECA (Basic Exchange and Cooperation Agreement for Geo Spatial Cooperation). इस एग्रीमेंट के अनुसार US ने वादा किया कि भारत को जब भी अमेरिकन सेटेलाइट डाटा की आवश्यकता होगी तो US सेटेलाइट डेटा उपलब्ध करवाएगा।
US रिपोर्ट के अनुसार ऐसा ही एग्रीमेंट अब सीक्रेटली चीन और रूस ने भी किया है जिसके अंदर रूस और चीन एक दूसरे को जिओ स्पेशल इंटेलिजेंस डाटा प्रोवाइड करेगे। चीन अब अपनी सेटेलाइट के मध्यम से रूस को जिओ स्पेशल इंटेलिजेंस डाटा प्रोवाइड करा रहा है। जिसका असर रूस यूक्रेन युद्ध में पड़ रहा है।
मिलिट्री सेटेलाइट से सो यू विल बे सरप्राइज्ड अब यहां पर आप देख पाओगे मिलिट्री सेटेलाइट्स बाय कंट्री
यूएसए के पास दुनिया में सबसे बड़ा नेटवर्क है मिलिट्री सेटेलाइट्स का। US के पास 239 मिलिट्री सेटेलाइट्स है।
चीन की पास 140 मिलिट्री सैटेलाइट है। चीन के पास रूस से भी ज्यादा मिलिट्री सैटेलाइट है। रूस के पास 105 मिलिट्री सेटेलाइट्स है। भारत के पास 9 मिलिट्री सेटेलाइट्स है।
भारत को भी यह सोचना होगा यदि चीन और इंडिया के बीच में एक स्मॉल स्केल वॉर हो जाती है तो क्या रूस भी चीन को जिओ स्पेशल डाटा प्रोवाइड कर रहा होगा। यह क्लीयरली एक पॉसिबिलिटी है कि अगर भारत चीन वॉर के दौरान जिस तरीके से इंडिया US से मिलिट्री इंटेलिजेंस की मदद ले रहा होगा, क्या चीन भी रूस से मिलिट्री इंटेलिजेंस की मदद ले रहा होगा।